बेटे की उम्र 26 और बेटी के उम्र 23 हुई की नहीं ,उनके माँ बाप का कर्तव्य
उन्हे चिल्ला चिल्ला के पुकारने लगता हैं की अब जल्दी से लड़की के हाथ पीले और लड़के
को घोड़ी पे चढ़ा दिया जाएँ (यहाँ पढे लिखे माँ बाप के बारे मे बात हो रही हैं इसलिए
उम्र की सीमा पे कोई मतभेद न रखें एवं बात अजनबियों के बीच शादी की हो रही हैं,जिसे प्रकांड विद्वानो ने अरैंज नाम का मेटाफर दे रखा हैं ) |अब जब कानो ने कर्तव्य की इस तरुण पुकार को सुन ही लिया हैं
तो क्या किया जायें ,अब जमाना मॉडर्न हैं ,रिश्तेदारी मे शादी पुरानी कथा हो चुकी हैं ,लोग भी अब भिन्न भिन्न शहरों की चक्कियों का आटा खाने की लालसा रखते हैं |तो इसी हेतु (हम आपका विवाह कराने का ठेका लेते हैं ) साइट
का नया फंडा शुरू हुआ हैं ,इसमे आप को ज्यादा कुछ नहीं
बस एक अडोब फोटो शॉप मे एडिट की हुई फोटो अपलोड करनी हैं ,जिसे कोई देखकर कमसे कम इंटरेस्ट तो एक्सप्रेस कर दे |
इन विवाह का ठेका लेने वाली साइट्स की एक अदभुत विशेषता हैं की इसमे लड़का या
लड़की कुछ इस तरह चुना जाता हैं जैसे आप मायन्त्रा या ईबे डाट काम पे जूता सेलेक्ट
कर रहें हों ,एक उदहारण पेश कर रहां हू तवज्जो
दे ,
हाईट- 167 सेमी से 178 सेमी (सामान्यता ज्यादा बताई जाती हैं )
कलर- गोरा (अगर आप इन विज्ञापनों को ध्यान में रखें तो भारत में ९८% लोग इसी
रंग के होते हैं ) या गेहुआँ(ये मानव जाती का वो रंग हैं जिस पर वैज्ञानिक शोध कर
रहें हैं की इस प्रकार का व्यक्ती दिखता कैसा हैं | अगर गेहूं भुन जाए तो रंग गेहुआँ मे दबा हो जाता हैं |)
सैलरी - 5 लाख से 15 लाख (ये निर्भर करता हैं की लड़की की योग्यता क्या हैं ,मैनेजमेंट या इंजीनियरिंग की डिग्री होने पे ये अमाउंट
प्रकाश की गति से बढ़ता हैं |)
शहर - ए क्लास शहरों को वरीयता दी जाएगी बाकी के शहर तब विचारणीय हैं यदि
उनमे कम से कम दो माल हो एवं फिल्म रिलीज़ वाले दिन ही सिनेमा हाल मे लग जाती हो |
नोट: लड़का ड्रिंक ,स्मोक न करता हो हाँ परंतु करने की हसरत रख सकता हैं |
इस उदहारण के बाद मे आपका ध्यान समाज में वुमेन एम्पावरमेंट(पढ़े – हसीबा
अमीन) के चलते विवाह गटबंधन मे आये एक क्रांतिकारी परीवर्तन की तरफ आकर्षित करना
चाहता हूँ |
1) आई टी कंपनियों मे काम करने वाले युवक,युवतियों ने एक गुप्त साझा पेक्ट के तहत आपस मे ही विवाह
संबंधी गतिविधियां करने का निर्णेय लेते हुए अपने माँ बाप को बिंग सरीखा सर्च
इंजिन बनने से बचा लिया हैं|
2)बैंक मे नियुक्त पीओ पीओ आपस
मे खेल रहें हैं,उन्होने भी अपना डोमैन
सुनिश्चित कर लिया हैं |
3) बीएड किए हुए लड़की के बाप को
बीएड लड़का ही चाहिए,सर्वा शिक्षा अभियान देश के बच्चों
का तो पता नहीं मगर इस वर्ग के स्त्री और पुरुष का काफी भला कर रहां हैं |
इस तरह की सोच ने फ्रेस "मरीजेस आर मेड इन हैवन" को बदलकर
"मरीजेस आर मेड इन आई टी ,बैंक एंड टीचिंग सैक्टर
" कर दिया हैं |
समाज मे आये इस तरह के आकस्मिक पारीवर्तन और नई सोच से कोर सैक्टर मे काम कर
रहें लोगो मे हड़कंप मच गया हैं ,उनकी माँ बिंग और बाप गूगल बन
गए हैं परंतु फिर भी उपयुक्त वर वधू की तलाश नहीं कर पा रहें हैं |
कोर सैक्टर के लोगो ने ये निर्णय लिया हैं की वो सरकार से इंटर कास्ट से
ज्यादा इंटर सैक्टर विवाह कराने को प्रोत्साहित करने के लिए अर्ज़ी देंगे और समाज
मे फेल रही इस कुरीति को रोकने का प्रयत्न करेंगे |